डबल टैक्स पर सेब बागवानों में आक्रोश

खराहल (कुल्लू)। कुल्लू जिले के सेब बागवानों को दोहरे टैक्स की मार झेलनी पड़ रही है। सब्जी मंडियों में नापतोल से लेकर सड़कें क्रास करने तक बागवानों को दो बार टैक्स चुकाना पड़ रहा है। बजौरा चेक पोस्ट पर पांच रुपये प्रति कार्टन और चार रुपये प्रति पेटी के हिसाब से फीस वसूली जाती है। इसके बाद स्वारघाट बैरियर पर एक फिर बागवानों से प्रति जीप 150 रुपये के हिसाब से टैक्स वसूला जा रहा है।
बागवानों का कहना है कि पहले ही सेब का मूल्य कम मिल रहा है। ऊपर से कई जगहों पर टैक्स की वसूली से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है। सेब पैकिंग की तमाम सामग्री कई गुणा महंगी हो चुकी है। ऐसे में बागवानों को भारी खर्चा उठाना पड़ रहा है। इसके चलते उन्हें अपने बचे हुए उत्पाद का सही लाभ नहीं मिल रहा।
सिरड के बागवान रामलाल, बंदरोल के बागवान, सोयल के बागवान प्रेम चंद, मासन के नानक चंद, सेऊबाग के धामेराम पठानिया, गाहर के नारायण दास महंत, थरमाण के जयचंद ठाकुर और नागाबाग के अर्जुन ने बताया कि बजौरा चैक पोस्ट पर उनसे पांच रुपये प्रति क्रेट के हिसाब से टैक्स वसूला जाता है। कहा कि हर सब्जी मंडी में बागवानों को किसी न किसी तरह से लूटा जा रहा है।
दिल्ली सब्जी मंडी में अभी भी आठ फीसदी कमीशन वसूली जा रही है। यह मामला कई दशकों से अनसुलझा है। लेकिन अब बजौरा चैक पोस्ट पर मार्केटिंग बोर्ड की ओर से पांच रुपये प्रति कार्टन, चार रुपये प्रति पेटी और दो रुपये प्रति डब्बे के हिसाब से टैक्स वसूला जा रहा है। बागवानों का कहना है कि पहले ही सेब की अच्छी कीमत नहीं मिल रही है। ऊपर से सरकार बागवानों पर किसी न किसी तरह से टैक्स लादा जा रहा है। कुल्लू फलोत्पादक संघ के प्रधान मोहिंद्र उपाध्याय ने कहा कि इस संबंध में संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। इस पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है। किसान सभा के उपाध्यक्ष देवराज नेगी ने कहा कि सरकार को बागवानों और किसानों से बजौरा चैक पोस्ट पर टैक्स वसूलना शीघ्र बंद करना चाहिए। नहीं तो किसान-बागवान सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेंगे। विपणन समिति के सचिव प्रकाश कश्यप ने कहा कि नोटिफाइट सेब एरिया से उत्पाद बाहर ले जाने और लाने पर एक प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रावधान एक्ट में है। यह कुल्लू जिले में ही नहीं अन्य जिलों में भी वसूला जा रहा है।

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